इंदौर. ‘सॉरी मां मैं बिगड़ गया हूं. मुझे माफ कर देना. मेरा मन न घर आने के लिए करता है और ना ही कहीं और जाने का. मुझसे घर की परिस्थितियां देखी नहीं जातीं. जाऊं तो कहां जाऊं.’ ये मार्मिक लाइन उस छात्र की हैं जिसने सुसाइड करने से पहले अपनी मां को चिट्ठी लिखी. घर के आर्थिक हालात से परेशान होकर वो ऑनलाइन जुए की लग लगा बैठा और सब गंवा दिया.
ऑनलाइन गेम की लत ने इंदौर में फिर एक छात्र की जान ले ली. उसे ऑनलाइन जुआ खेलने की लत लग गयी थी लेकिन वो सब हार बैठा था. कर्ज और वसूली वालों से परेशान होकर छात्र ने सुसाइड कर लिया. मौत को गले लगाने से पहले उसने दो पेज का सुसाइड नोट लिखा
पैसे की तंगी में ऑनलाइन जुए की लत
जितेन्द्र वास्कले नाम का ये छात्र खरगोन का रहने वाला था. इंदौर के भंवरकुआ इलाके में किराये का मकान लेकर पढ़ाई कर रहा था. वो बीए सेकेंड ईयर में पढ़ता था. साथ में कहीं सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी भी कर रहा था. घर की माली हालत खराब थी. बहुत सारे पैसे कमाने के लालच में वो ऑनलाइन जुआ खेलने लगा. जुआ के लिए ऑनलाइन कंपनी से लोन लिया. लेकिन सब हार गया. कर्ज के लिए कंपनी परेशान करने लगी तो तंग आकर जितेन्द्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसने बहन को फोन पर सॉरी मैसेज लिखकर माफी मांगी. बहन कारण पूछती रही लेकिन जितेन्द्र ने उसे कोई जबाब नहीं दिया. उसके बाद उसने मां के नाम दो पेज का सुसाइड नोट लिखा और मौत को गले लगा लिया.
सॉरी मां मैं बिगड़ गया हूं…
जितेन्द्र ने सुसाइड नोट में लिखा- सॉरी मां मैं बिगड़ गया हूं. मुझे माफ कर देना. मेरा मन न घर आने के लिए करता है और ना ही कहीं और जाने का. मुझसे घर की परिस्थितियां देखी नहीं जातीं. जाऊं तो कहां जाऊं. न घर है ना जमीन. जो थी वह भी लोगों ने छीन ली. मैं अपने परिवार और दोस्तों से बहुत प्यार करता हूं. मुझे पैसों के लालच में जुआ खेलने की लत लग गई. मुझे लगा कि मैं ऑनलाइन गेम खेल कर पैसे जीत लूंगा और पापा-मम्मी के लिए जल्दी एक नया घर और गुजारा करने के लिए थोड़ी बहुत जमीन ले लूंगा. पर मैं पैसे नहीं जीत पाया.
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कर्ज के लिए धमका रही थी कंपनी
जितेन्द्र ने लिखा कि उसकी जॉब का जितना भी पैसा बनता है वह उसके माता पिता को दे दिया जाए. साथ ही पुलिस अधिकारियों और सरकार को भी सम्बोधित करते हुए उसने कुछ बातें लिखी हैं. जितेंद्र ने पत्र में लिखा कि उसने ऑनलाइन जिस कम्पनी से लोन लिया था वह अब वसूलने के लिए whatsapp और मेल पर गालियां लिख कर भेज रहे हैं. वह सभी सम्पर्क वालों को ढूंढ कर उन्हें मैसेज कर रहे हैं. कृपया इस लोन की अब वसूली परिवार से न की जाए, और उनकी जो जमीन लोगो ने छीन ली थी वह वापिस करवा दी जाए. इसके बाद उसने अपनी बहन को सॉरी लिख कर मैसेज किया और फिर कोई जबाब नहीं दिया.
सुसाइड नोट बरामद
जितेन्द्र के सॉरी मैसेज के बाद परिवार को अनहोनी की शंका हुई तो उन्होंने उसके साथ रहने वाले कुछ लोगों को फोन किया और उसके घर भेजा. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. जितेन्द्र सुसाइड कर चुका था. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को सौंप दिया.
ऑनलाइन कंपनी से लोन
मृतक अपनी घर की खराब माली हालत के काऱण बेहद परेशान था. परिवार को आर्थिक मजबूत करने के लिए उसने गलत रास्ता चुनते हुए ऑनलाइन जुआं खेलना शुरू कर दिया था. उसने किसी ऑनलाइन कम्पनी से कई बार लोन ले लिया था. लेकिन वो जुआ हार गया. उसके बाद लोन लेने वाली कम्पनिया पैसे वापिस लेने के लिए दबाब बना रही थीं.
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