नई दिल्ली: ‘अनुपमा’ (Anupamaa) में 22 जनवरी, शनिवार को दिखाया गया (Anupamaa 22nd Jan written update) कि अनुपमा पाखी से कहती है कि उसे अपने लक्ष्य की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है और सिर्फ दोस्तों को फॉलो कर रही है. वो पाखी से कहती है कि उसे पहले अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए भले वो बड़ा हो या छोटा. अनुपमा पाखी से कहती है कि उसने फैसला कर लिया है कि जब तक उसका लक्ष्य निर्धारित नहीं हो जाता वो उसे पढ़ाई के लिए विदेश नहीं भेजेगी. उसे बाहर जाने के लिए मेहनत करनी होगी और तोषू की तरह स्कॉलरशिप हासिल करना होगा.
‘अनुपमा’ में दिखाया गया कि पाखी गुस्से में अनुपमा के साथ अपनी सहमति जताती है. अनुपमा कहती है अब बेहतर है वरना वो कभी मंजिल तक पहुंचने के लिए कठिन रास्ते को नहीं समझ पाती. बापूजी सभी से चीयर अप करने और संक्राति सेलिब्रेट करने के लिए कहते हैं. अनुपमा छत पर जाती है और पाखी के बारे में सोचती है. वनराज अनुपमा से कहता है कि वो क्यों हमेशा उसे गलत साबित करना चाहती है और उससे बहस करती है. अनुपमा कहती कि उसे पता है कि उसके बच्चों के लिए क्या सही है और वनराज से कहती है कि वो भी हमेशा गलत फैसले नहीं लेता है.
अनुपमा कहती है कि उसका इशारा सिर्फ पाखी की ओर था, इसका वो कोई और मतलब ना निकाले. वनराज अनुपमा से कहता है कि उसने मालविका को क्यों बात करने नहीं दिया. अनुपमा वनराज को जवाब देती है कि ये उसके और बच्चों के बीच की बात है जिसमें कोई और हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. अनुपमा वनराज से कहती है कि वो मालविका को लेकर कुछ भी ना सोचे या करने की कोशिश करे. वनराज हंसते हुए कहता है कि उसने तो अभी शुरू भी नहीं किया है.
सभी पूजा करते हैं और पतंग उड़ाने के लिए चले जाते हैं. अनुपमा मालविका से कहती है कि वो वनराज के साथ एक हद में ही रहे नहीं तो चीजें उलझ सकती है. बापूजी एक पतंग प्रतियोगिता की घोषणा करते हैं. अनुपमा मिठाई लाती है और मालविका से उस पर चिल्लाने के लिए माफी मांगती है.
मालविका हंसते हुए ‘इट्स फाइन’ कहती है और सभी खुश हो जाते हैं. अनुज अनुपमा और से पार्टनर बनने के लिए कहता है तो वहीं वनराज मालविका से भी ऐसा ही कहता है. वनराज मालविका को जीत के लिए तैयार रहने के लिए कहता है.