नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने घोषणा की है कि वो 31 जनवरी को देशभर में ‘विश्वासघात दिवस’ के रूप में मनाएगा. इसमें जिला और ब्लॉक स्तर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे. बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि मोर्चे से जुड़े सभी किसान संघ इस विरोध प्रदर्शन में बड़े पैमाने पर हिस्सा लेंगे. ये प्रदर्शन देश के कम से कम 500 जिलों में आयोजित किया जाएगा.
केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा ज्ञापन
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा, ’31 जनवरी को विरोध प्रदर्शनों के दौरान केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. बैठक के दौरान इस कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा की गई.’ किसानों का दावा है कि सरकार ने उन्हें धोखा दिया है.
फिर से शुरू हो सकता है आंदोलन
गौरतलब है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने एक साल से अधिक समय तक आंदोलन किया था. तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के सरकार के फैसले के बाद एसकेएम ने घोषणा की थी कि अगर सरकार उनकी अन्य मांगों को पूरा करने में फेल रहती है तो आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है. किसान संगठन एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा की मांगें क्या हैं?
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा, ‘पिछले दो हफ्तों में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को तत्काल वापस लेने या शहीदों के परिवारों को मुआवजे (जो आंदोलन के दौरान मारे गए थे) पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सरकार ने एमएसपी के मुद्दे पर कमेटी बनाने की भी घोषणा नहीं की है. इसलिए देशभर के किसानों से विश्वासघात दिवस के माध्यम से सरकार को अपना गुस्सा जाहिर करने का आह्वान किया है.’
एसकेएम ने ये भी साफ किया कि ‘मिशन उत्तर प्रदेश’ जारी रहेगा, जिसके माध्यम से इस किसान विरोधी शासन को सबक सिखाया जाएगा. एसकेएम ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के लोगों से अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त नहीं करने और गिरफ्तार नहीं करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने का आह्वान किया जाएगा, जिनका बेटा कथित तौर पर पिछले साल लखीमपुर खीरी में हुई दुखद घटना में शामिल था.’
(इनपुट- आईएएनएस)