‘भाभी जी घर पर हैं’ फेम सक्सेना सिर्फ 100 रुपए लेकर आए थे मुंबई, पढ़िए सानंद वर्मा की अनुसनी कहानी

‘भाभी जी घर पर हैं’ (Bhabi Ji Ghar Par Hain) फेम अनोखे लाल सक्सेना यानी सानंद वर्मा (Saanand Verma) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. थप्पड़ खाने पर या फिर करंट लगने पर  सानंद के ‘आई लाइक इट’ डायलॉग बोलते ही दर्शकों की हंसी छूट जाती है. इस फेमस कॉमेडी शो में अपनी खास अदायगी से दर्शकों का खासा मनोरंजन करने वाले सानंद आज भले ही घर-घर मशहूर हो चुके हैं, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए इन्होंने काफी जद्दोजहद की है. उनकी जगह कोई और होता तो शायद टूट जाता या फिर घर लौट जाता, लेकिन सानंद ने हार नहीं मानी और लंबा संघर्ष करने के बाद सफलता का स्वाद चखा.

बदबूदार घर में रहते थे सानंद वर्मा
सानंद वर्मा ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वह पहली बार मायानगरी में आए थे तो उनके पास सिर्फ 100 रुपया था. फार्मा कंपनी के कंपाउंड में रुकना पड़ा था, जहां गंदी बदबू से जीना मुहाल रहता था. इस तरह का मुश्किल भरा दिन बिताने के बाद इसी मायानगरी में किस्मत मेहरबान हुई.  एक एमएनसी में अच्छे पैकेज की नौकरी मिली और सानंद की जिंदगी बेहतर हुई, लेकिन उन्हें बनना तो एक्टर था, इसलिए लगी-लगाई शानदार पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी फिर से स्ट्रगल करने में जुट गए.

50 किलोमीटर पैदल जाते थे सानंद
सानंद वर्मा ने बताया कि ‘मैंने अपने सारे फंड, पीएफ, ग्रेच्यूटी सब मिलाकर एक बड़ा घर खरीद लिया था. फिर लोन की किश्त चुकाने में मुझे अपनी कार भी बेचनी पड़ी. मैंने लोकल से ट्रैवेल किया और एक ऑडिशन के लिए 25 किलोमीटर तक गया, लेकिन जल्द ही मुझे समझ आ गया कि लग्जरी लाइफ स्टाइल की आदत पड़ गई है और मुझे लोकल से ट्रैवेल करने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में मैं 50 किलोमीटर तक डेली चलकर ऑडिशन देने जाता था, यह आसान नहीं था’.

‘भाभी जी घर पर हैं’ से फेमस हुए सानंद वर्मा ‘मर्दानी’, ‘रेड’, ‘पटाखा’, ‘छिछोरे’ जैसी फिल्मों में भी काम कर चुके हैं. इसके अलावा ‘सेक्रेड गेम्स’ जैसी वेबसीरीज में भी काम किया है.

Source link

Leave a comment