तिरुवनंतपुरम: केरल (Kerala ) की कम्युनिस्ट (CPI-M) सरकार के एक नेता मार्क्स और दूसरे साम्यवादी और वामपंथी (Left) नेताओं की विचारधारा छोड़कर इस्लाम और अल्लाह की बात करते नजर आए तो लोगों ने उन्हें फौरन नोटिस किया.
कोरोना वायरस वो शैतान जिसे अल्लाह ने भेजा: हमजा
अपनी पार्टी के मूल सिद्धांतों से इतर केरल के सीनियर लेफ्ट नेता, पूर्व सांसद और मंत्री टी के हमजा (T.K. Hamza) ने कोरोना महामारी को अल्लाह का भेजा हुआ शैतान बताया. अपने इस्लामिक नजरिए को लेकर उन्होंने आगे ये कहा कि इस शैतान को लोगों को ठीक करने के लिए भेजा गया है और दुनिया को ठीक किए बिना यह शैतान पीछे नहीं हटेगा.
मुसलमानों को हमजा की खास नसीहत
उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को खासकर मुसलमानों को इस बात का मंथन करना चाहिए कि क्या वो कुरान द्वारा दिखाई गई जीवन की राह से भटक तो नहीं गए हैं. वक्फ बोर्ड एक्शन काउंसिल की एक बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा, ‘पूरी दुनिया अल्लाह की है और उसने हमें अपनी संपत्ति की देखभाल करने का मौका दिया है. हर किसी को अपनी संपत्ति की रक्षा के लिए पूरे दिल से काम करना चाहिए.’
मुस्लिम समुदाय को रिझाने की कोशिश
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हमजा के बयान से लगता है कि उनकी पार्टी अब हर तरह से केरल में मुस्लिम समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही है. दरअसल केरल में जमीयत-उल-उलेमा नामक संगठन की नाराजगी को दूर करने के लिए हमजा ने ऐसा बयान दिया है. दरअसल यहां कुछ दिन पहले लोक सेवा आयोग के जरिए वक्फ बोर्डों में नियुक्तियों के खिलाफ आवाज उठाई गई थी. माकपा वैसे भी किसी तरह मुस्लिम समुदाय को लुभाने की कोशिश करती रही है और माकपा के वरिष्ठ नेता का बयान इसी संदर्भ में देखा जा रहा है.
हमजा के इस बयान के बाद एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार रॉय मैथ्यू ने कहा, ‘CPI-M अब राजनीतिक अवसरवाद वाली पार्टी बन गई है. 2006 में, जब माकपा विधायकों, एमएम मोनायी और ईशा पोट्टी ने भगवान के नाम पर विधायक के रूप में शपथ ली थी तब सीपीआई के तत्कालीन सचिव पिनाराई विजयन, जो वर्तमान में केरल के मुख्यमंत्री हैं, उन्होंने दोनों पर तीखा हमला करते हुए सार्वजनिक रूप से दोनों नेताओं की आलोचना की थी. वहीं जब पिछले साल 2021 में जब उन्हीं की कैबिनेट की मंत्री वीना जॉर्ज ने गॉड के नाम पर (Oath in the name of God) शपथ ली तो पूरी पार्टी या कैडर में किसी ने इसके खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा था.’
गौरतलब है कि सीपीआई हो या अन्य लेफ्ट दल ऐसी ही दोहरी मानसिकता को लेकर बीजेपी के निशाने पर रहते हैं. बीजेपी का कहना है कि ऐसी चीजें ही सेलेक्टिव इंटॉलरेंस को बढ़ावा देती हैं.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)