देसी घी में तैयार दालबीजी और सोहन हलवा का लेना हैं मज़ा तो चांदनी चौक में कंवरजी की दुकान पर आकर लें स्वाद

Delhi Food Outlets:(डॉ. रामेश्वर दयाल) हम जब भी मिठाई की कल्पना करेंगे तो दिल-दिमाग में लड्डू या बर्फी का अक्स उभरेगा और अगर नमकीन की बात करेंगे तो आलू भुजिया या नमकीन (Namkeen) मिक्सचर का ख्याल आएगा. असल में ये मिष्ठान शुरू से ही मिठाई (Sweets)और नमकीन के पर्याय बने हुए हैं. लेकिन आज हम आपको मिठाई और नमकीन में कुछ अलग ही टेस्ट करवाते हैं. इनका स्वाद एकदम अलग है. खाते ही लग जाएगा कि कुछ अलग मिठाई या नमकीन खाया है. असल में यह खानपान देसी घी (Desi Ghee) में तैयार होते हैं, इसलिए खाते ही महसूस होने लगता है कि कुछ विशेष स्वाद का आनंद ले रहे हैं. जिस हलवाई की दुकान पर आज हम आपको ले चल रहे हैं, वह पुरानी दिल्ली में मुगलकाल से अपने जलवे बिखेर रही है.

मिठाई और उनका स्वाद है लाजवाब

पुरानी दिल्ली का चांदनी चौक बाजार दिल्ली और देश के लिए जाना-माना नाम है. इस बाजार में चलेंगे तो गुरुद्वारा सीसगंज के बाद गली पराठे वाली है. इस गली के मुहाने पर ‘कंवरजी’ नाम की दो दुकानें हैं. पुरानी दिल्ली में इन्हें कंवरजी हलवाई के नाम से जाना जाता है. दोनों एक ही परिवार की पुरानी दुकानें हैं, बाद में अलग हो गए, लेकिन दोनों दुकानों पर मिलने वाली मिठाई और नमकीन एक जैसा है. इस दुकानों की विशेषता यह है कि जैसे ही आप इनके पास से गुजरेंगे, आपको देसी घी की सुगंध महसूस होगी. कंवरजी पर मिलने वाली सभी मिठाइयां, नमकीन या कुछ भी लोगे, वे देसी घी में तैयार होता है. कंवरजी पराठे वाली गली के मुहाने पर है तो अंदर देसी घी में तले जा रहे पराठों की दुकान है तो मान लीजिए कि पूरे इलाके में देसी घी की खुशबू उड़ती महसूस होगी ही.

‘कंवरजी’ नाम की दो दुकानें हैं. पुरानी दिल्ली में इन्हें कंवरजी हलवाई के नाम से जाना जाता है.

सोहन हलवा और चटपटी दालबीजी है शानदार

कंवरजी की दुकान पर वह सब कुछ तो मिलता है जो एक नामी हलवाई की दुकान पर होना चाहिए. लेकिन कुछ अलग हटकर भी मिठाइयां और नमकीन मिलता है. मिठाई में कराची हलवा, आटा लड्डू, ड्राईफ्रूट्स वाले बेसन के लड्डू, बादाम लौंजी, पिन्नी आदि है तो नमकीन में खास तरह का आलू लच्छा, लाल लच्छा, शाही मिक्सचर, मसाला काजू उपलब्ध है. लेकिन मिठाई में यहां की पहचान सोहन हलवा है. यह देसी घी से भरी मीठी गोल टिक्की टाइप मिठाई है, जो देखने में बहुत ही सख्त लगती है, लेकिन तोड़कर मुंह में डालते ही घुलने लगती है. उसके बाद इसका स्वाद खासी दिलचस्पी पैदा करता है. यह बहुत अधिक मीठा नहीं होता है. दो प्रकार के सोहन हलवा यहां मिलते हैं और उनकी कीमत 750 रुपये किलो से ऊपर है. अगर नमकीन की बात करें तो ये दुकान मुंह में पानी लाने वाली दालबीजी के लिए प्रसिद्ध है. इसकी विशेषता यह है कि इसे महीनों तक रखा जा सकता है. स्वाद चटपटा, तीखा व हलका सा खटास लिए हुए.
देसी घी में लिपटा यह नमकीन भी दो वैरायटी में मौजूद है और इसकी कीमत भी 700 रुपये किलो से ऊपर है.

दो प्रकार के सोहन हलवा यहां मिलते हैं और उनकी कीमत 750 रुपये किलो से ऊपर है.

दो प्रकार के सोहन हलवा यहां मिलते हैं और उनकी कीमत 750 रुपये किलो से ऊपर है.

1850 में शुरू हुई थी दुकान

कंवरजी का मसला देसी घी से जुड़ा हुआ है, इसलिए नमकीन की कीमत 600 रुपये किलो से ऊपर है तो मिठाई की कीमत भी 500 रुपये से शुरू होती है और 1400 रुपये किलो तक है. वर्ष 1850 में इस दुकान को लाला कंवर सेन ने शुरू किया था. वर्ष 1970 में परिवार का बंटवारा हुआ तो एक ही नाम से दो दुकान हो गईं. एक है कंवरजी भागीरथ मल और दूसरी कंवरजी राजकुमार. आज इनके लाडले दुकानों को संभाले हुए हैं. सुबह 9 बजे दुकान खुल जाती है और रात 9 बजे तक कारोबार चलता है. कोई अवकाश नहीं है.

नजदीकी मेट्रो स्टेशन: चांदनी चौक

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