चेन्नईः इरादे मजूबत हों तो मंजिल कदम चूमती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है चेन्नई में पले-बढ़े 24 साल के श्याम सुंदर ने. श्याम सुंदर ने परिवार की गरीबी और तंगी से जूझते हुए कड़ी मेहनत कर पहले ही अटेंप्ट में SSB EXAM क्वालिफाई कर लिया है. आइये आपको बताते हैं श्याम सुंदर के संघर्ष की चौंका देने वाली कहानी के बारे में.
कोरोना लॉकडाउन में चली गई थी पिता की नौकरी
श्याम सुंदर ने एक प्रमुख भारतीय आईटी फर्म में मैकेनिकल डिज़ाइन की अपनी नौकरी को अलविदा कह दिया है. वो अपने परिवार के पहले ग्रैजुएट हैं. इस नौकरी का मतलब उनके परिवार के लिए सबकुछ था. उनके पिता उमापति होटलों में गार्ड थे. महामारी के दौरान उनसे उनकी नौकरी छिन गई. जबकि उनकी मां अनुराधा सिलाई की दुकान चलाती हैं.
लक्ष्य हासिल करने के लिए दिन रात मेहनत की
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION के मुताबिक श्याम की नौकरी ने परिवार को आगे बढ़ाया और उन्होंने अपने छोटे भाई की कॉलेज की पढ़ाई का भी खर्च उठाया. इन सब परिस्थितियों को देखते हुए भी श्याम सुंदर अपने लक्ष्य को नहीं भूले. वह भारतीय नौसेना अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करते रहे. कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि वह पहले ही अटेंप्ट में ही SSB EXAM क्वालिफाई कर गए. वह 6 फरवरी को भारतीय नौसेना अकादमी में अपनी ट्रेनिंग शुरू करेंगे.
पढ़ाई के हर क्षेत्र में रहा उम्दा प्रदर्शन
श्याम सुंदर ने 12 वीं बोर्ड परीक्षा में मैथ्य, फिजिक्स और केमेस्ट्री में कुल 91.4% अंक प्राप्त किया. इस स्कोर के बदौलत उन्हें शहर के एक निजी कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल करने का अवसर दिया. कॉलेज में उम्दा प्रदर्शन के बाद उन्हें दो नौकरियों का ऑफर मिला. जिनमें से उन्होंने आईटी फर्म के साथ मैकेनिकल डिजाइन की नौकरी को चुना था.
Excl: Shyam Sundar, a 24yr old from cracked in maiden attempt, to join Naval academy on Feb6th
His dad is a security guard, mom a tailor, they stay in a rented house.1st grad in their family, Shyam quit his IT job after getting call letter
— Sidharth.M.P ()
SSB EXAM का पहला और अंतिम प्रयास
गौर करने वाली बात यह है कि SSB EXAM में यह उनका पहला प्रयास होने के साथ अंतिम प्रयास भी था. क्योंकि इसके बाद वे एज लिमिट के दायरे से बाहर हो जाते. उनकी मां अनुराधा बेहद खुश हैं कि उनका बेटा जीवन में इतना आगे बढ़ गया है और देश की सेवा करने जा रहा है, लेकिन वह यह भी स्वीकार करती हैं कि एक मां के रूप में श्याम सुंदर से दूर रहना उनके लिए मुश्किल होगा.