फ्लाइट में जब यात्रा के दौरान यदि किसी की मौत हो जाए तो उसकी डेडबॉडीज के साथ क्या होता है, इसके बारे में वर्जिन आस्ट्रेलिया के फ्लाइट अटेंडेंट ब्रेना यंग ने अपने अनुभव शेयर किए कि यात्रा के दौरान डेड बॉडीज का आखिर वह क्या करते हैं?
डेडबॉडीज की सीट को सिक्योर्ड कर देता है स्टाफ
‘द सन’ की खबर के अनुसार, ब्रेना ने एक पोडकॉस्ट में बताया कि यह सभी स्टाफ के लिए जरूरी है कि जो भी यात्री सफर के दौरान मर जाता है तो उसके लिए सम्मान देना सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि वह उस सीट को सिक्योर्ड कर देते हैं, ऐसा वह इसलिए करते हैं कि जब एयरक्राफ्ट जमीन पर लैंड करे तो क्राइम सीन में कोई बदलाव न हो और मौत की सही इन्वेस्टिगेशन हो सके.
इसका मतलब यह हुआ कि पूरा एयरक्राफ्ट और उसमें बैठे यात्री पुलिस की इन्वेस्टिगेशन की जद में रहता है. जब तक पुलिस की मौके की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक सारे पैसेंजर्स एयरक्राफ्ट में ही रहते हैं और उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है इसलिए ऐसी परिस्थिति में लोगों को इंतजार करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
हर साल हजारोंं डेडबॉडीज के साथ सफर करते हैं लोग
इसलिए कभी-कभी यह चांसेज हैं कि आप किसी डेड बॉडीज के बारे यात्रा कर रहे हैं और आपको इस बारे में सफर के दौरान यह बात रियलाइज ही न हो. हर साल हजारों डेडबॉडीज आसमान में सफर कर रही होती हैं और किसी को उस समय इस बारे में पता नहीं होता है.
इस बारे में किसी भी पैसेंजर्स को कुछ भी नहीं बताया जाता है. उस बॉडी का एक निक नेम रख दिया जाता है. ऐसी बॉडी को एचआर कहा जाता है जिसका मतलब ह्यूमन रिमेंस होता है.
ऐसी अजीब स्थिति में क्या होता है
वैसे तो ऐसी डेडबॉडीज को वैसे ही रखा जाता है लेकिन जब कोई यात्री उसके बगल वाली सीट पर बैठा हो तो अजीब स्थिति बनती है ऐसा ही एक वाकया तुर्की से रशिया के बीच हवाई यात्रा के दौरान हुआ.
एक 50 साल की डायबिटीज की शिकार महिला की सफर शुरू करने के 45 मिनट बाद ही मौत हो गई क्योंकि उसके पास उस समय कोई भी इंसुलिन नहीं थी. ये सफर साढ़े तीन घंटे का था. ऐसे में उसकी बॉडी को एक ब्लैंकेट से ढक दिया गया लेकिन उसके साथ बैठे पैसेंजर के लिए यह बहुत भयावह अनुभव रहा था.