Jharkhand Mob Lynching- ‘मैं चीखती रही लेकिन मेरी आंखों के सामने पति को जिंदा जला डाला’

रिपोर्ट- श्रीराम पुरी

सिमडेगा. हाल ही में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाने वाले झारखंड में एक बार फिर से भीड़ ने कानून (Jharkhand Mob Lynching) को अपने हाथ में लेते हुए ऐसी ही घटना को अंजाम दिया है. मंगलवार को झारखंड के सिमडेगा (Simdega Lynchign Case) जिले में ग्रामीणों ने संजू प्रधान नामक व्यक्ति की मॉब लिंचिंग में हत्या कर दी. संजू की पहले तो जमकर पिटाई की गई और फिर जिंदा जला दिया गया. घटना सिमडेगा के कोलेबिरा थाना क्षेत्र के बेसराजरा बाजार के समीप की है. इस घटना ने एक बार फिर से प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर जैसे मुद्दे पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

इस घटना को सीएम हेमंत सोरेन ने भी गंभीरता ले लिया है. सीएम हेमंत सोरेन ने सिमडेगा डीसी को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है. सिमडेगा एसपी डॉक्टर शम्स तब्रेज ने बताया की खुदकट्टी जमीन से पेड़ काटने को लेकर युवक की हत्या हुई है. युवक का अपराधिक इतिहास भी रहा है. दो थाना में नक्सली गतिविधि में शामिल होने का मामला दर्ज है और वन विभाग में भी मामला है. एसपी ने बताया कि हत्या हुई है और अनुसन्धान चल रहा है जांच के बाद कार्रवाई होगी.

सिमडेगा के कोलेबिरा थाना क्षेत्र अंतर्गत बंदरचुंवा पंचायत के बेसराजारा गांव में ग्रामीणों ने लकड़ी चोरी के आरोप में गांव के इस घटना को अंजाम दिया था. संजू प्रधान नामक युवक को पहले तो जमकर पीटा गया बाद में जिंदा जलाकर मार डाला गया है. संजू प्रधान को घर से निकालकर लगभग 200 से 250 ग्रामीणों ने इस घटना को अंजाम दिया था. संजू को पिटता देख उसकी मां और पत्नी सपना देवी गुहार लगाते रहे लेकिन पिटाई करने वाले ग्रामीणों ने किसी की नहीं सुनी.

परिजनों के अनुसार ग्रामीणों ने संजू के घर में रखे लकड़ी को जलाकर घायल संजू को उसमें डाल दिया. इस घटना के बाद काफी मशक्कत से घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को अग्निशामक वाहन से बुझाते हुए अपने कब्जे में लिया और अंत्यपरीक्षण के लिए सिमडेगा भेज दिया. एसपी ने भी इस घटना के बाद घटनास्थल का जायजा लिए. घटना के बाद माहौल को देखते हुए पुलिस इलाके में कैंप की हुई है.

मॉब लिंचिंग की घटना पेड़ की कटाई से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. ग्राम प्रधान सुमन बुढ ने बताया कि मृतक संजू ने अगस्त माह में गांव के खुंटकटी नियम का उल्लंघन करते हुए छह पेड़ काट कर बेचा था. गांव वालों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी थी, लेकिन वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. तब आज खुंटकटी कमिटी की बैठक गांव में हुई जिसमें बंबलकेरा के भी लोग आए.  इसके बाद बैठक में मृतक संजू ने जब अपनी गलती नहीं स्वीकारी तो उसे मारपीट करते हुए जला दिया गया. प्रधान के बयान से उलट मृतक संजू की पत्नी सपना ने बताया कि उसके पति ने पेड़ खरीदने के बाद काटा था, वह बेकसूर था फिर भी सारे गांव के लोगों ने मिलकर उसके पति को बेरहमी से मारपीट कर जिंदा जला दिया. ऐसी मौत किसी को नहीं देनी चाहिए. वह चिल्लाती रही लेकिन ग्रामीणों का दिल नहीं पसीजा.

दरअसल झारखंड में हाल ही ‘भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधेयक 2021’ को विधानसभा में पारित किया गया है.  मॉब लिंचिंग रोकथाम विधेयक 2021 के तैयार मसौदे के अनुसार मॉब लिंचिंग के दोषी को सश्रम आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इसके तहत लिंचिंग का अपराध सिद्ध होने पर शुरुआत में एक साल का कारावास हो सकता है. वहीं इसे बढ़ाकर तीन साल तक के लिए भी किया जा सकता है. लिंचिंग के दौरान पीड़ित की मौत होने पर सश्रम आजीवन कारावास के साथ पांच लाख तक का जुर्माना देना होगा. बता दें,  जुर्माने की राशि 25 लाख तक बढ़ायी जा सकती है.

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