कमला नगर में ‘चाचे दी हट्टी’ के छोले-भठुरे खाने के लिए लगती है कतार, अमिताभ बच्चन भी कर चुके हैं तारीफ

Delhi Food Outlets: (डॉ. रामेश्वर दयाल) छोले-भठूरे तो आपने खूब खाए होंगे. दिल्ली की हर सड़क, मार्केट, चौराहे से लेकर कॉलोनियों तक में आपको इसकी दुकानें और ठिए दिख जाएंगे. लेकिन आज हम आपको ऐसे छोले-भठूरे की दुकान पर लिए चल रहे हैं, जिसके लिए आपको लाइन में लगना होगा और आधे घंटे बाद ही आप इस छोले-भठूरे की प्लेट अपने हाथ में पा सकेंगे. असल में इस दुकान के छोले भी अलग प्रकार के हैं और भठूरे भी आम भठूरों से अलग हैं. परोसे भी बहुत ही सादे तरीके से जाते हैं. उसके बावजूद खाने के लिए आपको थोड़ा वक्त जरूर लगाना होगा. सालों से यह दुकान छोले-भठूरे को लेकर अपने जलवे बिखेर रही है.

सादे तरीके से होते हैं सर्व

नॉर्थ दिल्ली के कनॉट प्लेस कहे जाने वाले बाजार कमला नगर में मेन बाजार की एक गली के नुक्कड़ पर ‘चाचे दी हट्टी, रावलपिंडी के छोले भठूरे’ आपको दिख जाएगी. यही है वह छोले-भठूरे की दुकान, जिसकी हम आज बात कर रहे हैं. अगर हम दिल्ली में छोले-भठूरे पर चर्चा करेंगे तो इस दुकान का नाम टॉप पर आएगा. दुकान की विशेषता यह है कि जो भी लोग कमला नगर में शॉपिंग के लिए आते हैं, वे कोशिश करते हैं कि इस दुकान के छोले-भठूरे खाने को मिल जाएं तो इस बाजार में आना उनके लिए संतोषप्रद हो जाए. इस दुकान पर सर्व किए जाने वाले छोले-भठूरे इतने सादे तरीके से मिलते हैं कि हैरानी होती है कि लोग इसके इतने दीवाने क्यों हैं. बस एक ही प्लेट में छोले रख दिए जाएंगे, उसके बगल में भठूरे रख लिए जाएंगे और उनकी बगल में कटी प्याज और एक हरी मिर्च रख दी जाएगी. यही सादगी लोगों में इस फूड को लेकर दीवानापन पैदा कर रही है.

इस दुकान पर सर्व किए जाने वाले छोले-भठूरे इतने सादे तरीके से मिलते हैं

रावलपिंडी से स्वाद से भरपूर गाढ़े छोले

आप इस दुकान पर जब भी पहुंचेंगे, ऐसा हो ही नहीं सकता कि वह खाली मिले. लोग वहां इसे पाने के लिए मिल जाएंगे. रश इतना बढ़ जाता है कि वहां लंबी लाइन लग जाती है. कांउटर पर पहुंचने के बाद आप ऑर्डर करेंगे तो जरा सी देर में आपको प्लेट सर्व कर दी जाएगी. उसके एक तरफ खुशबू उड़ाते गाढ़े रावलपिंडी स्वाद वाले छोले रखे होंगे, उसके साथ जो भठूरे होंगें, उनमें पनीर के बजाय मसाले वाले आलू का स्टफ्ड भरा होगा. साथ में कटी प्याज और साथ में हरी मिर्च.

छोले भठुरे की एक प्लेट की कीमत 60 रुपये है. सादे भठूरे वाली प्लेट 55 रुपये की है.

छोले भठुरे की एक प्लेट की कीमत 60 रुपये है. सादे भठूरे वाली प्लेट 55 रुपये की है.

देखने में साधारण लगें लेकिन जैसे ही पहला कौर मुंह में जाएगा, मुंह से तुरंत वाह शब्द अपने आप निकल पड़ेगा. चूंकि छोलों में रावलपिंडी स्वाद लाने के लिए विशेष मसाले होंगे और भठूरे में डले आलू अलग ही स्वाद पेश करते हैं. एक प्लेट की कीमत 60 रुपये की है. सादे भठूरे वाली प्लेट 55 रुपये की है. इसके अलावा 40 रुपये में छोले-कुलचे का मजा भी लिया जा सकता है.

1962 से चल रही है दुकान

इस दुकान को वर्ष 1962 में पाकिस्तान के रावलपिंडी इलाके से आए प्राणनाथ सलूजा ने शुरू किया था. उनका कहना है कि बंटवारे से पहले रावलपिंडी में उनकी इसी तरह की दुकान थी. जो मसाले उस वक्त सेट थे, वह आज भी चल रहे हैं, इसलिए लोगों को आनंद मिलता है. दिल्ली में ऐसी बहुत कम दुकानें होंगी जहां इतने गाढ़े छोलों के अलावा आलू वाले भठूरे परोसे जाते हैं. अब इस दुकान को उनके बेटे कंवल किशोर के साथ उनके बेटे गौरव व भतीजा पंकज संभाल रहे हैं. आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन इस दुकान का जिक्र कर चुके हैं. उन्होंने बताया था कि जब वह डीयू के करोड़ीमल कॉलेज में पढ़ते थे तो चाचा के छोले-भठूरे खाने जाया करते थे. दुकान पर सुबह 10 बजे छोले-भठूरे मिलना शुरू हो जाते हैं और दोपहर 3 बजे तक सब निपट जाता है. रविवार को अवकाश रहता है.

Source link

Leave a comment