Omicron: क्या नए साल में होने जा रही महामारी की विदाई? मिल रहे ये संकेत

लंदन: यूरोप के बाकी देशों की तरह ब्रिटेन भी इन दिनों त्योहारी सीजन में कोरोना (Corona) की नई लहर से जूझ रहा है. पिछले साल क्रिसमस और नए साल के मौके पर कोरोना के अल्फा वेरिएंट ने ब्रिटेन में कहर मचाया था. वहीं इस साल ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron) लोगों को डरा रहा है. हालात से निपटने के लिए ब्रिटेन में क्रिसमस पर होने सेलिब्रेशन कैंसल कर दिए गए थे. वहीं अब नए साल की पार्टियों पर भी रोक लगा दी गई है.

महामारी से निजात के मिल रहे संकेत

वैज्ञानिकों ने पिछले साल कोरोना के मामलों और इस साल सामने आए केस की तुलना की है. जिसके बाद उन्हें इस महामारी से निजात पाने के संकेत मिले हैं. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार पिछली साल की तरह इस बार भी कोरोना (Corona) के केस अचानक काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों और इस बीमारी से मौतों की संख्या काफी कम है. ऑक्सीजन और वेंटिलेटर पर भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी काफी गिरावट आई है.

वैज्ञानिकों के मुताबिक यह एक सकारात्मक संकेत हैं. इसका मतलब ये है कि कोरोना महामारी की अब विदाई हो रही है और उसकी घातक क्षमता अब खत्म हो रही है. इस उम्मीद के साथ ही वैज्ञानिक यह भी कहते हैं कि अभी तक इस बारे में पुख्ता तौर पर पुष्टि नहीं हुई है. ऐसे में सावधानी बरतने और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहना जरूरी है.

ब्रिटेन में वायरस के 1 लाख 22 हजार मामले 

वैज्ञानिकों के मुताबिक ब्रिटेन में शुक्रवार तक ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले बढ़कर एक लाख 22 हजार हो चुके हैं. रिसर्च में यह खास बात पता चला कि संक्रमित होने वालों में अधिकतर लोग युवा थे. इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी. डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि अगर ओमिक्रॉन संक्रमण बीमारों और बुजुर्गों तक पहुंचता है तो अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में उछाल आ सकता है. ऐसे लोगों को ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाने के लिए उन्हें बूस्टर डोज दी जा रही है.

लीसेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर Dr Julian Tang ने कहा, मुझे अहसास हो रहा है कि यह वायरस मानव आबादी को इसके प्रति सहज कर देगा. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि इस वायरस से संक्रमित होने के बावजूद आप ज्यादा बीमार नहीं होंगे. आप घूम-फिर सकेंगे और अपने साथ ही दूसरे लोगों को भी संक्रमित करेंगे. लेकिन किसी को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा. यह इन्फ्लूएंजा की तरह एक सामान्य बीमारी बनकर रह सकता है, जो हर साल नए स्वरूप में सामने आएगा और उससे निपटने के लिए हर बार नई वैक्सीन की जरूरत होगी.

इन्फ्लूएंजा सर्दी से होने वाला वायरस

हालांकि लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के प्रोफेसर मार्टिन हिबर्ड इस बारे में चेताते हैं. वे कहते हैं कि इन्फ्लूएंजा सर्दी से होने वाला वायरस है. लेकिन वे हर साल इस तरह नए वेरिएंट के रूप में प्रकट नहीं होते. सर्दियों में हमें सर्दी-जुकाम होने का कारण यह है कि इस समय हमारी हमारी प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा समय तक नहीं रहती है.

उन्होंने कहा कि यह वायरस उन वायरस से अधिक मिलता-जुलता प्रतीत होता है, जो सामान्य सर्दी-जुकाम का कारण बनते हैं. प्रोफेसर मार्टिन हिबर्ड ने कहा कि हमें हमें हर साल कोरोना (Corona) से बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन लगाने के बारे में सोचना होगा. ऐसा न करने पर कोरोना  के खिलाफ हमारी इम्यूनिटी पावर खत्म हो सकती है.

जल्द खत्म हो जाएगी महामारी! 

प्रोफेसर मार्टिन हिबर्ड ने कहा कि इसका मतलब ये नहीं है कि यह वायरस हमें और 5 साल तक ऐसे ही परेशान करेगा. मुझे लगता है कि यह वायरस धीरे-धीरे माइल्ड होता जाएगा और एक दिन यह महामारी खत्म हो जाएगी. उसके बाद समाज में केवल बीमारों और बुजुर्गों को ही कोरोना वैक्सीन लगाने की जरूरत होगी.

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