नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की चुनावी यात्रा में ज़ी न्यूज़ (Zee News) की टीम आपको हर इलाके और एक-एक विधान सभा की तस्वीर और मूड बताती है. इस कड़ी में आज बात यूपी के शेखपुर गुड़ा गांव की जो कालपी से तकरीबन 12 Km की दूरी पर है. हालांकि कालपी विधानसभा पर अभी बीजेपी (BJP) का कब्जा है. शेखपुर गुड़ा गांव में सिर्फ एक पतली सड़क है जो कई जगह से उबड़ खाबड़ है. ऐसे हालत से इतर इस गांव की चर्चा होती है फूलन देवी (Foolan Devi) के घर की वजह से.
सब वोट की माया
शेखपुर गुड़ा गांव में अधिकतर केवट और मल्लाह या कहें निषाद समुदाय के ही लोग के रहते हैं. गांव में कुछ हिस्से में पक्की सड़क बन गई है लेकिन अधिकतर हिस्सा कच्चा और कीचड़ भरा है. एक दौर था जब चुनाव आते ही राजनीतिक दलों के नेता इस गांव में खूब पहुंचते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है हालांकि समाजवादी पार्टी (SP) से सांसद रही फूलन देवी के नाम पर कभी कभार समाजवाद की राजनीति करने वाले नेता फूलन देवी की माता जी के पास मुलाकात कर आते हैं. ये अलग बात है कि उनकी मदद के नाम पर अभी तक किसी ने कुछ खास काम नहीं किया है.
मां को दुख है कैसे पूरा होगा सपना?
घर में दाखिल होते ही फूलन देवी की एक मूर्ति दिखती है जो एक निजी संस्था ने लगवाई है और एक पक्की छत भी यहां है जिसके नीचे मुलाकात हुई फूलन देवी की 90 वर्षीय मां मूला देवी से. पहले तो वह बात करने को तैयार नहीं हुई उनको लगा कि किसी पार्टी का नेता मदद करने जैसे वादे करने आया है. बाद में जब उनके भतीजे ने उनको समझाया कि मीडिया वाले हैं तब कहीं जाकर वह बात करने को तैयार हुईं उन्होंने कहा कि बेटी के सपने अबतक अधूरे हैं. फूलनिया ने गांव में लड़कियों का स्कूल और पानी की टंकी बनवाने का सपना देखा था.
कटिया से चलता है काम
शेखपुर गुड़ा गांव करीब 75 मकान है. करीब 500 की आबादी वाले इस गांव में अधिकतर लोगों ने बिजली का कनेक्शन नहीं कराया है. यहां लोग डायरेक्ट बिजली ले रहे हैं बातचीत करने पर पता चला कि बिजली का बिल बहुत ज्यादा आता था जिसे कोई परिवार चुका नहीं पाता था लिहाजा गांव के लोगों ने कनेक्शन कटा दिए और भले ही गैर कानूनी रूप से सही सीधे खंबे के तार से जोड़कर बिजली ले रहे हैं.
गांव में सरकारी स्कूल आठवीं तक है. 12वीं तक का सरकारी स्कूल न होने की वजह से लड़कियां और बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं. गांव वाले बताते हैं कि एक प्राइवेट स्कूल जरूर है लेकिन उसकी फीस चुकाना सभी के बूते की बात नहीं. हालांकि बात करने पर गांव वालों ने यह जरूर माना कि राशन जरूर मिलता है
हर साल यमुना में डूब जाते हैं घर
यमुना में उफान आने पर गांव के आधे से ज्यादा घर हर साल बाढ़ में डूब जाते हैं. फूलन देवी की मां हमें अपने घर की हालत बताने के लिए अंदर ले गईं. जिनकी बेटी दो बार की सांसद रही जिसके नाम का ख़ौफ़ कभी चंबल के बीहड़ों में गूंजता था उसके घर की हालत आज एकदम खस्ता है.
फूलन देवी के भतीजे का कहना है कि नेता उनके घर आते हैं वादे भी कर जाते हैं लेकिन ना तो किसी ने उनकी मदद की ना ही कोई वादा पूरा किआ. सपा से दो बार की सांसद रही है फूलन देवी इसलिए निषाद वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी के नेता चुनाव के पहले यहां माथा टेकने जरूर आते हैं.
फूलन की हत्या से अधूरा रह गया सपना
गांव वाले बताते हैं की फूलन देवी हमेशा गांव की चिंता करती रहती थीं. यमुना के कटान के चलते खत्म हो रहे गांव की चिंता भी थी. लिहाजा कटान के क्षेत्र में हमेशा पक्की दीवार बनवाने की बात करती लेकिन उनकी अचानक हुई हत्या के बाद उनके कई सपने अधूरे रह गए. जब शेखपुर गुड़ा गांव के लोगों से हमने कालपी के चुनावी मुकाबले की चर्चा की तो लोगों ने खुलकर अपनी राय रखी.
बीजेपी-सपा में कड़ी टक्कर
पिछले चुनाव यानी 2017 में भले ही बीजेपी (BJP) ने कालपी (Kalpi) विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया हो लेकिन यहां की चुनावी मूड और माहौल को देखकर ऐसा लगता है कि फूलन देवी के इलाके में इस बार यूपी विधान सभा चुनाव (UP ELection 2022) में बीजेपी बनाम सपा का जोरदार मुकाबला होने वाला है.