Delhi Food Outlets (डॉ. रामेश्वर दयाल) दिल्ली में लिट्टी-चोखा व्यंजन अब नाम का मोहताज नहीं रहा है. पूर्वांचली लोगों के दिल्ली में लगातार बसने और राजधानी में उनकी सामाजिक व राजनैतिक हैसियत बढ़ने का एक सकारात्मक असर यह रहा कि पूर्वांचल के लोकल व देसी व्यंजन दिल्ली में अपनी प्रभावी पैठ बना चुके हैं, जिस प्रकार पूर्वांचल का छठ महोत्सव अब दिल्ली का एक मशहूर पर्व बन गया है. विशेष बात यह है कि पूर्वांचल के इन व्यंजनों ने दिल्ली वालों या राजधानी में रह रहे अन्य राज्यों के लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित किया है. इसका परिणाम यह निकला है कि राजधानी में लिट्टी-चोखा के अच्छे ठिकाने खुल गए हैं, जहां लोग बड़े ही चाव से इनका आनंद उठाते हैं.
आज हम ऐसे ही एक लिट्टी-चोखा वाली दुकान पर ले चल रहे हैं. हमारा दावा है कि इसका यह व्यंजन खाकर आप अनुभव करेंगे कि वाकई पूर्वांचल का सही स्वाद आपकी पकड़ में आ गया है.
कोयले की आंच में भुनती है लिट्टी
यमुनापार स्थित मंडावली के गुरुद्वारा रोड (मदर डेयरी प्लांट के पीछे) पर आपको लिट्टी-चोखा की एक दुकान (छोटा रेस्तरां) दिख जाएगा, जिसका नाम ‘मिस्टर लिट्टी वाला’ है. आप जब भी वहां जाएंगे, आपको वहां गरमा-गरम कोयले की आंच में भुनी लिट्टी व असली मसालों से भरपूर चोखा खाने को मिलेगा. इस दुकान के ओनर पूर्वांचली हैं और उन्होंने कई नामी होटलों में काम किया है, तो इस बात को लेकर कोई शक ही नहीं रहा कि यहां का स्वाद कैसा होगा. पहले हम लिट्टी की बात करें. गेहूं के आटे को सख्त गूंथकर, उसके गोले बनकर गोलों के बीच चने का सत्तू, नमक, मिर्च, अजवाइन, लहसुन आदि का मसाला भरा जाता है. इस लिट्टी को कोयले की आंच पर हलके हलके भूना जाता है, जिससे वह अंदर तक पक जाता है और खुशबू छोड़ने लगता है.
आपको यहां गरमा-गरम कोयले की आंच में भुनी लिट्टी व असली मसालों से भरपूर चोखा खाने को मिलेगा.
देसी तरीके से बनाया जाता है चोखा
अब चोखे की बात करें तो बैंगन, आलू व टमाटर को भूनकर उनमें कटी हरी मिर्च व अन्य मसाले डालकर उसका मोटा पेस्ट बना लिया जाता है. इसी को चोखा कहा जाता है. इसमें कोई मिलावट नहीं होती है और
यह अपने मौलिक और देसी रूप में ही नजर आता है और स्वाद भी बिलकुल वैसा ही है, जो चोखे का होना चाहिए. अब इस गरम चोखे को देसी घी में चुपड़ी लिट्टी के साथ परोसा जाता है. साथ में सरसो की चटनी,
कटी प्याज व हरी मिर्च सर्व की जाती है.
सख्त लिट्टी के साथ जब चोखा और चटनी आदि मुंह में जाती है तो वह घुलने लगती है. उसका तीखा व ताजापन आपको अलग ही आनंद पहुंचाता नजर आएगा. आपके मुंह से बेसाख्ता निकलेगा कि वाह भाई, मजा आ गया. दो लिट्टी के साथ यह डिश 50 रुपये में पेश है. खाइए और पैक करके घर भी ले जाइए.
दो लिट्टी के साथ यह डिश 50 रुपये में पेश है.
होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर लिट्टी-चोखे का काम शुरू किया
इस व्यंजन को खिलाने वाले देवेंद्र सिंह हैं. जिन्होंने पहले होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर दिल्ली के बड़े होटलों में काम किया. यह दुकान उन्होंने तीन साल पहले खोली थी. सबसे पहले उन्होंने यह काम वर्ष 2010 में कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर के पास शुरू किया था. इसी काम से उन्होंने अपने भाइयों व पत्नी को पढ़ाया जो आज अच्छी नौकरी कर रहे हैं. लेकिन देवेंद्र को लिट्टी-चोखे का काम ही पसंद आया.
उनका कहना है कि इस व्यंजन पूर्वांचली स्वाद बरकरार रखा गया जो हमारी यूएसपी है. कनॉट प्लेस की दुकान पर तो कई नामी नेता, अभिनेता इस व्यंजन को खाने आते थे. सुबह 10:30 बजे लिट्टी-चोखा मिलना शुरू हो जाता है और रात 9:30 बजे तक कामकाज चलता है. कोई अवकाश नहीं है.
नजदीकी मेट्रो स्टेशन: मंडावली (वेस्ट विनोद नगर)