चेन्नईः तमिलनाडु में सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों को स्थायी सहायता प्रदान करने के लिए एक नयी पहल ‘प्रोजेक्ट सहायता’ शुरू की गयी है. दक्षिण भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल ए अरुण ने बुधवार को इसकी शुरुआत की.
युद्ध विधवाओं को सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य
लेफ्टिनेंट कर्नल एन त्यागराजन (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ‘प्रोजेक्ट सहायता’ चेन्नई स्थित गैर सरकारी संगठन मास्टरमाइंड फाउंडेशन द्वारा शुरू की गयी एक पहल है जो विधवाओं और युद्ध विधवाओं को सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कौशल विकास और सशक्तिकरण प्रशिक्षण प्रदान करेगी.
सहायता राशि को बढ़ाने की अपील
इस बीच, लेफ्टिनेंट कर्नल त्यागराजन ने तमिलनाडु सरकार से शहीद भारतीय रक्षा कर्मियों के परिजनों को उनके सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में प्रदान की जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाने की अपील की.
आज तक यह राहत राशि 20 लाख रुपये ही बनी हुई है
लेफ्टिनेंट कर्नल त्यागराजन ने कहा, ‘इसे पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन द्वारा शुरू किया गया था, तब से लेकर आज तक यह राहत राशि 20 लाख रुपये ही बनी हुई है, जबकि देश के कई राज्यों ने इस राशि को एक करोड़ रुपये और उससे अधिक तक बढ़ा दिया है.’
लद्दाख झड़प में शहीद जवान का किया जिक्र
उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों के साथ पूर्वी लद्दाख जिले में हुई झड़प में रामनाथपुरम जिले का रहने वाला सेना का हवलदार पाझानी शहीद हुआ था, जिसके परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 20 लाख रुपये ही दिए गए थे.