नई दिल्ली. कोरोना के बाद एक बाद फिर शादी समारोह (Wedding) शुरू हो गए हैं. होटलों, रिसॉर्ट से लेकर बैंक्वेट हॉल सभी फुल हैं, लेकिन इन समारोह (Event) में कोरोना की वजह से मेहमानों की संख्या जरूर घट गई है. पहले की तुलना में अब आधे की संख्या में मेहमान (Guests) पहुंच रहे हैं. इसके बाद बावजूद शादियों में होने वाला खर्च कम नहीं हुआ है. बल्कि प्रति प्लेट की कीमत बढ़ गइ है. कई बार तय संख्या में मेहमान नहीं पहुंचने के बावजूद लोगों को खाली प्लेटों का भी भुगतान करना पड़ रहा है.
देवउठनी एकादशी यानी 14 नवंबर के बाद से शादी समारोह शुरू हो गए हैं, जो अगले करीब एक माह तक चलते रहेंगे. इन आयोजनों के लिए फिलहाल मेहमानों की संख्या को लेकर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं है. इसके बावजूद आयोजक कम से कम संख्या में मेहमान बुला रहे हैं. केवल करीबी लोगों को ही आयोजनों में बुलाया जा रहा है.
मेहमानों की संख्या हुई आधी
सूर्या होटल दिल्ली के वाइस प्रेसीडेंट गिरीश ब्रिंदा बताते हैं कि कोरोना के बाद होटल का बिजनेस करीब 80 फीसदी तक वापस आया गया है. लेकिन मेहमानों की संख्या में कमी हो गई है. पहले जहां औसतन 400 मेहमान शादियों में आते थे, वहां पर 200 मेहमान ही आ रहे हैं. कोरोना प्रोटोकाल के अनुसार बड़े बड़े हॉल उपलब्ध कराए जा रहे हैं, इसके बावजूद लोग कम ही संख्या में मेहमान बुला रहे हैं. कई तय संख्या में मेहमान भी नहीं पहुंचते हैं, ऐसे में आयोजक को खाली प्लेटों का भुगतान करना पड़ता है.
इसलिए महंगी पड़ रहीं हैं शादियां
शादियों में कम संख्या में पहुंच रहे हैं मेहमान
एनसीआर के मुकुट रेजीडेंसी, वसुंधरा गाजियाबाद के मालिक राकेश गुप्ता बताते हैं कि मेहमानों की सख्ंया कम होने के बावजूद होटलों का खर्च कम नहीं हुआ है. लाइट, डेकोरेशन, डीजे, हाउस कीपिंग, कैटरिंग का खर्च पहले जैसा ही है. उसमें किसी प्रकार की कमी नहीं आई है. मेहमानों की संख्या कम होने से से प्रति प्लेट का खर्च बढ़ गया है. वो बताते हैं कि कोरोना से पहले की तुलना में मौजूदा समय प्रति प्लेट का 25 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है.
रिसॉर्ट और छोटे शहरों में जाकर शादी का बढ़ा चलन
मोटेल 6 ग्रुप के सुधीर कुमार भी कोरोना की वजह से मेहमानों की संख्या में कमी आने की बात मानते हैं. इस वजह से प्रति प्लेट की कीमत बढी है. इसके अलावा वो बताते हैं कि अब बड़े शहरों के बजाए छोटे शहरों में होटलों या रिसॉर्ट में शादी समारोह का चलन बढ़ा है. जहां पर भीड़भाड़ कम होो.