यूपी चुनाव में फिर आया मुजफ्फरनगर दंगे का जिक्र, सीएम योगी ने सपा पर लगाया बड़ा आरोप

गाजियाबाद: यूपी असेंबली के चुनाव (UP Assembly Election 2022) में पार्टियों में वार-पलटवार का दौर जारी है. गाजियाबाद दौरे पर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने समाजवादी पार्टी पर मुजफ्फरनगर दंगों (Muzaffarnagar Riots) को भड़काने का आरोप लगाया.

‘एसपी सरकार ने करवाया मुजफ्फरनगर दंगा’ 

सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने कहा कि अखिलेश यादव की एसपी सरकार ने न केवल अपनी निगरानी में दंगा (Muzaffarnagar Riots) करवाया बल्कि दंगे के बाद अपराधियों को साफ बच निकलने में भी मदद की.

उन्होंने कहा, मुजफ्फरनगर दंगे में हिंदुओं को बंदूकों से भूना गया था. 60 से अधिक हिंदू मारे गए थे और 1,500 से अधिक जेल में बंद किए गए थे. गांव के गांव खाली हो गए थे. सपा की यही ‘पहचान’ है.’

‘छेड़छाड़ के विरोध पर 2 युवकों की हत्या’

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ितों में से दो गौरव और सचिन की हत्या केवल इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने अपनी रिश्तेदार लड़की के उत्पीड़न पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा, ‘जिस पार्टी की टोपी किसानों और निर्दोष राम भक्तों के खून से रंगी है, वह सद्भाव की गुहार लगा रही है.’

उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं जो ‘कैराना पलायन’, स्याना अशांति और मुजफ्फरनगर दंगों के लिए जिम्मेदार हैं.

’10 मार्च के बाद जेल में होंगे अपराधी’

सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने दावा किया कि बीजेपी के फिर से सत्ता में आने पर 10 मार्च के बाद राज्य में अपराधियों को सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘ऐसे अपराधी सड़कों पर सब्जियां बेचेंगे लेकिन किसी भी व्यापारी को छूने की हिम्मत नहीं करेंगे.’

‘रामभक्तों पर चलवाई गईं गोली’ 

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भगवान राम के भक्तों पर गोली चलाई, उन्हें लोगों से वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है. उनका इशारा वर्ष 1990 में राज्य की तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार की ओर से कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने की घटना की ओर था.

मुजफ्फरनगर दंगे में 62 लोगों की मौत

बताते चलें कि वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में मुसलमानों और जाटों के बीच दंगा (Muzaffarnagar Riots) हुआ था. इन दंगों में 62 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे. इस घटना में एसपी नीति आजम खान पर लगातार उंगलियां उठती रही हैं. आरोप है कि उन्होंने दंगे को भड़काने और आरोपियों  को बचाने में बड़ी भूमिका निभाई. जिसके बाद दूसरे पक्ष में गुस्सा बढ़ता चला गया, जिसकी परिणति दंगे के रूप में हुई.

Source link

Leave a comment