राजा कौन- राहुल गांधी या PM मोदी? जानिए देश को नेहरू गांधी परिवार ने कैसे एक छड़ी से चलाने की कोशिश की

नई दिल्लीः राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण के दौरान देश के बजट को केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी का बजट करार दे दिया. उन्होंने किसान आन्दोलन का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर राजा जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया और ये भी कहा कि केन्द्र सरकार राज्यों की संवैधानिक स्वतंत्रता को खत्म नहीं कर सकती है. उन्होंने ये भी कहा कि केन्द्र सरकार, राज्यों पर दबाव नहीं बना सकती क्योंकि भारत एक साम्राज्य नहीं है. बल्कि ये देश फूलों के एक गुलदस्ते के समान है, जिसे किसी छड़ी से नहीं चलाया जा सकता. ऐसे में यह जान लेना भी जरूरी है कि इस देश को कैसे नेहरु गांधी परिवार ने एक छड़ी से चलाने की कोशिश की और कैसे उनके परिवार ने इस देश की शासन व्यवस्था और पार्टी की शासन व्यवस्था में एक राजा की तरह व्यवहार किया है.

राजा का बेटा ही, राजा होता है

राजशाही की पहली निशानी ये होती है कि, राजा का बेटा ही, राजा होता है. और राहुल गांधी एक ऐसे ही परिवार से आते हैं, जहां राजा का बेटा ही राजा है. और वो चाहें तो आज कांग्रेस पार्टी और अपने परिवार का ये राजशाही इतिहास फिर से पढ़ सकते हैं.

1998 से कांग्रेस अध्यक्ष पद नेहरु गांधी परिवार के पास

वर्ष 1998 से कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद नेहरु गांधी परिवार के पास है. यानी पिछले 24 वर्षों से एक परिवार, देश की सबसे बड़ी पार्टी की शासन व्यवस्था में एक राजा की तरह बैठा हुआ है. लेकिन फिर भी राहुल गांधी, दूसरों को राजा नहीं बनने की सलाह देते हैं. और राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष भी इसी आधार पर बने थे.

1975 में इंदिरा गांधी ने लगाई थी इमरजेंसी

राजा उसे कहते हैं, जो एक बार कोई आदेश दे देता है, तो उसे बदला नहीं जा सकता. जैसा, 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के दौरान हुआ था. और जहां तक राज्यों की संवैधानिक स्वतंत्रता की बात है तो पिछले 75 वर्षों में इस देश में लगभग 55 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी की सरकार रही. और इन सरकारों के शासन में 93 राज्यों की सरकारों को बर्खास्त किया गया था. हाल ही में पंजाब में भी ऐसा देखा गया था, जब गांधी परिवार ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटा कर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया था.

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