गोड्डा. झारखंड कें गोड्डा जिले में तकरीबन 4 साल पुराने अपहरण और दुष्कर्म के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने 3 अभियुक्तों को दोषी करार दिया है. इनमें से 2 दोषियों को 30 साल की सजा सुनाई गई है, जबकि एक अन्य दोषी को 7 वर्ष तक जेल में रहना होगा. विशेष न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में यह सजा सुनाई है. कोर्ट ने 30 की सजा पाने वाले दोषियों पर 1-1 लाख और 7 साल की सजा पाने वाले पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
जानकारी के अनुसार, नाबालिग का अपहरण कर उनके साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार सभी अभियुक्त बसंतराय थाना के मोकलचक गांव के रहने वाले हैं. कोर्ट ने सोहेल और बहाव को नाबालिग के साथ रेप करने का दोषी पाया और 30 साल जेल की सजा सुनाई. वहीं, प्रदीप कुमार को आईपीसी की धारा 366ए के तहत दोषी पाया गया और उसे 7 साल जेल की सजा सुनाई गई. जिला एवं सत्र न्यायाधीश जनार्दन सिंह की अदालत ने यह अभूतपूर्व फैसला दिया है.
वर्ष 2018 का है मामला
पीड़िता 16 फरवरी 2018 की सुबह नित्य क्रिया के लिए घर से निकली थी, लेकिन उसके बाद वापस नहीं आई थी. नाबालिग पीड़िता के पिता और परिजनों द्वारा काफी खोजबीन की गई थी. बाद में पता चला कि सोहेल और बहाव भी घर से गायब हैं. इसके बाद पीड़िता के पिता ने स्थानीय बसंतराय थाना में सोहेल और बहाव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. मामले की छानबीन के दौरान एक अन्य शख्स प्रदीप सिंह की संलिप्तता भी सामने आई थी. इसके बाद पुलिस ने प्रदीप को भी आरोपी बनाया था.
पीड़िता बोलीं- पायल बेचकर पहुंची घर
मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता समेत कुल 12 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे. नाबालिग पीड़िता ने कोर्ट को बताया था कि आरोपी पहले उन्हें बरहेट ले गए उसके बाद दिल्ली और चेन्नई भी ले जाया गया. वहां उनके साथ उनकी इच्छा के विरुद्ध गलत काम किया गया था. पीड़िता ने अपने बयान में कोर्ट को बताया था कि वह पायल बेचकर किसी तरह घर लौटी थी.